नवरात्र के पीछे छिपी महिषासुर की कहानी: एक पौराणिक कथा
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personMrEfficinet
October 15, 2023
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जब कभी नवरात्र का समय आता है, हम सभी अपनी सोच में भगवान की पूजा, मां दुर्गा की आराधना तक ही सीमित रह जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नवरात्र का यह पर्व क्यों मनाया जाता है और इसकी महत्वपूर्ण कहानी क्या है?
इस पर्व के पीछे एक प्राचीन कथा छिपी है। कई साल पहले, महिषासुर नामक शक्तिशाली राक्षस था। वह अमरत्व की इच्छा से ब्रह्मा की तपस्या करने लगा। उसकी तपस्या ने ब्रह्मा को प्रसन्न किया, और वह उससे एक वरदान मांगने की अनुमति दी। महिषासुर ने अमरत्व की इच्छा से मांग की।
ब्रह्मा ने कहा, "जो इस संसार में पैदा हुआ है, उसकी मृत्यु निश्चित है। तुम चाहो जो भी मांगो, लेकिन यदि तुम्हारी मृत्यु होती है, तो वह किसी देवता, असुर, या मानव के हाथों नहीं होगी, बल्कि किसी स्त्री के हाथों होगी।"
महिषासुर ने यह वरदान प्राप्त किया और उसने राजा बनने के बाद देवताओं पर हमला किया। देवताएं पराजित हो गईं, लेकिन उन्होंने भगवान विष्णु और भगवान शिव के साथ एक होकर मां आदि शक्ति की पूजा की।
इस पूजा के बाद, एक दिव्य ज्योति उत्पन्न हुई, जो बेहद सुंदर अप्सरा के रूप में मां दुर्गा को प्रकट कर दी। देवी दुर्गा ने महिषासुर को मोहित किया और उससे विवाह की प्रस्तावना रखी, लेकिन एक शर्त पर।
वह शर्त थी कि महिषासुर को उससे लड़ना होगा। महिषासुर मान गया और फिर एक 9-दिन की लड़ाई शुरू हुई, जिसमें देवी दुर्गा ने महिषासुर को पराजित किया। इस घड़ी से ही नवरात्र का पर्व मनाया जाता है।
नवरात्र के इस पर्व में, हम मां दुर्गा की महत्वपूर्ण कथा को याद करते हैं और उनकी आराधना करते हैं। यह हमें शक्ति, साहस, और सद्गुणों की ओर प्रोत्साहित करता है, जो हमारे जीवन में महत्वपूर्ण हैं।