Navratri Day 3- चंद्रघंटा: जीवन में शांति और सुख की प्राप्ति

 नवरात्रि, जिसे नौ दिनों में मनाया जाने वाला हिन्दू महोत्सव है, भगवानी दुर्गा की नौ रूपों की पूजा का महत्वपूर्ण पर्व है। नौ दिनों के इस महोत्सव के तीसरे दिन, हम चंद्रघंटा मां की पूजा करते हैं, जिन्हें चंद्रकोपिनी भी कहा जाता है। चलिए, हम इस लेख में चंद्रघंटा मां की पूजा, उनके महत्व और कथा के बारे में बात करें।


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चंद्रघंटा


चंद्रघंटा कौन हैं?


चंद्रघंटा नाम अपने चंद्रकोपिनी वर्णन से मिला है, जिसे वे पहनती हैं। उनकी मूर्ति के माथे पर चंद्रमा के एक अर्धचंद्र का चिह्न होता है, इसके कारण उनका नाम चंद्रघंटा पड़ा।

चंद्रघंटा मां के एक ही हाथ में त्रिशूल होता है और दूसरे हाथ में कमल का फूल या कमल होता है, जिसका मतलब है कि वे शुभकामनाओं के साथ दुश्मनों का नाश करने की क्षमता रखती हैं, और इनका वाहन सिंह है। इनकी मुद्रा युद्ध के लिए उद्यत रहने की होती है।


चंद्रघंटा की कथा


चंद्रघंटा की कथा में कहा जाता है कि जब वे माँ पार्वती बनी थीं, तब उन्होंने अपने मुख को ढक लिया था, ताकि उनके भगवान शिव के साथ बिताए वक्त के दौरान उनके परम तेज विकट रूप को देखकर उनकी आंखें फट जाती। चंद्रघंटा मां की मूर्ति इस कथा को दर्शाती है, जिसमें वे अपने मुख को ढके हुए हैं। 


पूजा का तरीका


चंद्रघंटा मां की पूजा भगवानी दुर्गा के तीसरे दिन की पूजा के रूप में की जाती है। इस दिन पूजा करते समय, निम्नलिखित कदम आपकी मदद कर सकते हैं:

1. पूजा स्थल की तैयारी: अपने पूजा स्थल को साफ़ करें और उसे सजाने के लिए सुंदर रूपण का आयोजन करें। आप पीले और सफ़ेद रंग की चादरों या वस्त्रों का उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि ये चंद्रघंटा मां के प्रिय रंग होते हैं।
2. मूर्ति का स्थान: चंद्रघंटा मां की मूर्ति को पूजा स्थल पर रखें और उसे पुष्प, धूप, दीप, और नैवेद्य से सजाएं।
3. मंत्र और स्तोत्र: चंद्रघंटा मां के मंत्र और स्तोत्र का पाठ करें, जैसे "या देवी चंद्रघण्टायै नमः"।
4. आरती: पूजा के अंत में चंद्रघंटा मां की आरती गाएं और उन्हें प्रसाद चढ़ाएं।


आपके जीवन में चंद्रघंटा की महत्वपूर्ण भूमिका


चंद्रघंटा मां की पूजा करने से हम शक्ति, साहस, और सामर्थ्य की ओर बढ़ते हैं। उनके प्राकट्य से हमें अपनी आत्मा की शुद्धि और अच्छे कार्यों की दिशा में मार्गदर्शन मिलता है। वे हमें दुश्मनों से सुरक्षित रखती हैं और हमारे जीवन में शांति और सुख की प्राप्ति करवाती हैं।


नवरात्रि के इस महत्वपूर्ण अवसर पर, हम चंद्रघंटा मां की पूजा करके उनके आशीर्वाद को प्राप्त करते हैं और अपने जीवन को खुशी और समृद्धि से भर देते हैं।


जय माता चंद्रघंटा! नवरात्रि की तीसरे दिन के इस पावन मौके पर, हम सभी आपके पवित्र दर्शन का आनंद लेते हैं और आपकी कृपा का स्वागत करते हैं।

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